Wednesday, November 23, 2011

गुजारिश

अपने दिन में यादो का मंजर रहने दो,
अपने होठो पर मेरा नाम रहने दो,
ये मालूम है के प्यार नहीं है तुमको मुझसे,
पर झूठा ही सही अपने दिल में ये एहसास रहने दो।

Saturday, October 22, 2011

मै चला, मै चला.......

मै चला, मै चला
जीवन के सफ़र मै एक पड़ाव था मेरा यहाँ,
कुछ देर तक बस रुक जाना था मुझे यहाँ,
पर अब एक नयी राह बनाने और मंजिल को पाने,
कदमो को कर तेज फिर से,
मै चला, मै चला l
कोई शिकायत नहीं मुझे किसी से ना कोई शिकवा रहा,
फिर से होकर सबसे जुदा, खुद को तोड़ कर हिस्सों मे,
मै चला , मै चला l
मुड़ के देखू के कोई तो आवाज देकर फिर से बुलाले मुझको,
पर देखू जो मुड़ के तो पाता नहीं किसी को जहा से था मै चला,
ये सिलसिला है क्यों बना के मिलन है जेसे जुदाई के लिए ही बना,
कोई मंत्र ना मिले ऐसा के जो फुंकु तो पाऊ तुमको फिर से,
कोई वक़्त ना लौटे ऐसा के फिर से खुद को भुला के मिल जाऊ तुमसे,
ख्वाब अधूरे थे जो मेरे चुभते थे आँखों मे मेरी ,
उनको हकीक़त मै पाने के लिए, आंसुओ की बूंदों को बना आइना फिर से
मै चला , मै चला l
मिट्टी का जिस्म है मेरा जानता हूँ , एक -एक आंसुओ से घुलता है ये दिल मेरा,
आंसुओ को संभाले कारवा की प्यास के लिए,
कदमो को सीधे रखते हुए, खुद के कंधो पर खुद को उठाये
मै चला , मै चला l
दोस्त भूल ना जाना मुझे, मै तुमको दिल मै बसाये दूर देश ले चला
याद अगर कभी आई तुम्हारी तो आंसुओ के आइनों मे तुझे मै देखूंगा हमेशा,
मै जाते हुए कुछ ना बोला तुझसे के शब्दों मै खुद को बोल ना पाया,
ये जुबान तो रही खामोश मेरी क्योंकी मेरी आँखों ने शब्दों को है बहाया,
कुछ नहीं था देने को मेरे पास तुझे , मै तो बस आँखों से मोती बिखेर चला,
मै चला , मै चला.......

Saturday, October 8, 2011

खुद से लापता...

अजनबी शहर है अजनबी डगर है, बीच राह में खड़े है जाना किधर है?
तलाशते है कुछ अपनों को इस भीड़ में जाने बिना ये के
दिल में जहर है इधर भी और उधर भी l
हाथ बढ़ाते है दोस्ती का सबसे के कुछ तो मिले सबब ख़ुशी का पर ये ना जाने के,
हाथो में खंजर है सभी के इधर भी और उधर भी l
हर दरवाजा है बंद इस शहर में के ऐसा लगता है जैसे हो कोई बियाबान सा,
लगता है हर किसी को डर है चोरी का इधर भी और उधर भी l
हर किसी से पूछते है पता मयखाने का के होश में आये, थोड़ी देर ही सही,
पर नहीं पाते एहसास ऐसा क्युकी,
हाथो में लिए खाली जाम घूमता है प्यासा इधर भी और उधर भी l

Sunday, October 2, 2011

फिर से...

जब सुनी काली रातो में यादो का दरवाजा खुला रह जाता है...
जब आँखे झरना बनती है और दिल यादो की कीलों से छलनी छलनी हो जाता है...
तब बिन बुलाये एक शख्स आकर दिल की चोटों पर मेरे मरहम सा लगा जाता है l
जब दोस्त सारे पूछते है क्यों रहता है उदास यूँ आजकल तू इतना...
तो क्या बताये दोस्तों वो चुपके से कानो में "कुछ ना बताना" कह जाता है l
जब हम करते है कोशिश सब कुछ भुलाने की और आगे जाने की...
तो वो फिर से हमे उन तनहा यादो के जंगल में अकेला छोड़ जाता है l
अब ना खोलेंगे दिल का दरवाजा किसी के लिए हम जब ऐसा सोचते है...
तो वो बदमाशी से दिल के दरवाजे पर दस्तक फिर से दे जाता है l
छोड़ चुके है उसका शहर हम ये सोच के की भुला देंगे उसे...
पर ना जाने उसे मेरे यहाँ होने का कौन पता दे जाता है l
में जहा जाता हूँ साथ उसे ही पता हूँ...
ऐसा लगता है के वो मेरे पीछे - पीछे ही आता है l
हम पीते है ये सोच कर के मदहोशी के आलम में याद ना आएगा वो हमे,
पर क्या बताये हम के वो हमे पीते ही याद आ जाता है l
गलती हो गयी एक बार हमसे अब ना करेंगे दौबारा ये सोचते है लेकिन...
तनहा सुनी रातो में गुजरा हुआ पल जुगनू बन फिर से मेरे दिल को रोशन कर जाता है.....

Saturday, September 24, 2011

ये रात है या के तेरी आँखों के काले मोती,
ये तारे है या के तेरे आँचल में बिखरे नगीने,
ये बहती हवा की गुफ्तगू है या की तू मुझे बुला राही है,
में तो सोता ही इसलिए हूँ के तुझसे तनहा मिल सकू,
तुझे धडकनों की आवाजो में महसूस कर सकू,
तू मुझे हमेशा मेरे पलकों के पानी में दिख जाया करती है,
तुझे में खुद कहूँ या मै खुदको तुझे कहूँ
मै कैसे कहूँ के मै तन्हा हूँ और सिर्फ मै हूँ,
ये तो फरेब होगा खुद के साथ और दुनिया से भी,
क्योकि तू तो हमेशा से मेरे पास है और मेरे साथ है.......

Monday, September 19, 2011

शेर-ओ-शायरी

"कहते रहे जिसे जिंदगी भर "जिंदगी" हम हरदम,
क्या बताये दोस्तों वो ही हमारी  सांसे  तोड़ गयी"  

Monday, August 29, 2011

एहसास

हर लम्हा एक अहसास दिलाता है ,
जो हो गए है दूर हमसे उन्हें तन्हाइयो में करीब लाता है,
हमे आदत नहीं है मुस्कुराने की,
पर ना जाने क्यों ये दिल तन्हाइयो में खुद ही मुस्कुराता है,
राहों में चले थे जो दूर तक साथ मेरे,
उन्हें मंजिलों पर साथ ना पा कर दिल तड़प जाता है,
रात तो हो जाती है गहरी और गहरी,
पर इस दिल की गहराइयो में सब कुछ डूब जाता है,
सितारे और जुगनू कर जाते है रातो को रोशन मेरी ,
पर हर रोशनी के पीछे एक साया गहराता है,
ये चाँद तो रहता है तारो की भीड़ में हमेशा,
पर ना जाने उस नदी में ही क्यों ये हमेशा तनहा नजर आता है,
हमे फुर्सत नहीं है कुछ कहने सुनाने की,
पर हर वक़्त क्यों ये दिल कुछ कहना चाहता है,
बहुद बड़ी है ये दुनिया कहते है सभी,
फिर भी हमे क्यों कोई उसके सिवा नजर नहीं आता है,
हर बूंद पानी की होती है प्यास बुझाने के लिए,
पर क्यों चातक हमेशा ही प्यासा रह जाता है,
कोई तो हो दुनिया में एसा जो हमे हमारे होने का एहसास दिलाये ,
पर ना जाने क्यों ये एहसास सिर्फ एक "एहसास" ही रह जाता है.

Sunday, August 14, 2011

दर्द

टुटते तारे का दर्द कौन जान पाया है,
ये तो वो मंजर है जो की मेरे नसीब आया है,
मिल जाता अगर खुदा हमसे किसी रोज तो पूछते
रिश्ता ये बेरुखी का सिर्फ हमसे ही क्यों निभाया है.

चलता गया...

होगी कभी तो खुशिया भी मेरे साथ
ये सोच कर में दिल बहलाता चला गया,
ये शाम ढली तो सवेरा भी आएगा
ये सोच कर में खुशिया मनाता चला गया,
सारा जहान है मेरा और में हूँ इस जहान का
बस दिल से दिल सभी से मिलाता चला गया,
कुदरत ने क्या दिखाया करिश्मा जिंदगी में मेरी,
आशिक की तरह ये सोच कर मै खुद को हसाता चला गया.

शेर-ओ-शायरी

जज्बातों को अपने फ़ना कर देता हूँ,
वो याद ना आये मुझे,
इसलिए में खुद को ही भुला देता हूँ.

दिल का ख्याल

कभी- कभी मेरे दिल मै ख्याल आता है,
के मुक्कदर में हमारे सिर्फ काले साये ना होते,
रोशन हमारी भी राते होती
और चमकीली सुबह होती,
हम भी होते दुनिया की बाहों में
और होते किसी की निगाहों में,
बेबसी का ये आलम ना होता,
ना होता मायूसी का ये मेला,
मंजिलों पर रखते कदम
और यु सफ़र में खोना ना होता,
अपनों के साथ होते
और जुदाई का रोना ना होता,
कभी - कभी मेरे दिल में ख्याल आता है.....

शेर-ओ-शायरी

सुना था इस जहान के आगे जहान और भी है,
हमने तो कुछ ना देखा उनकी आँखों के सिवा.

मैं खुद

हर मुस्कुराहट के पीछे गम को छुपा लेता हूँ,
आते है जब भी इन आँखों में आंसू,
तो खुद को हँसा लेता हूँ,
हा में नहीं सह सकता गम-ए-उल्फत,
इसलिए खुद ही दिल को बहला लेता हूँ,
जिंदगी से कुछ नहीं अब तक हासिल मुझे,
पर हर घड़ी जीत का जश्न मना लेता हूँ,
देखा नहीं उसे जिंदगी में कभी मैने,
पर हर मंदिर के सामने सर को झुका लेता हूँ,
कोई करे या ना करे इजहार-ए-मुहब्बत मुझसे,
मैं तो खुद को ही अपना बना लेता हूँ,

Saturday, August 13, 2011

शेर-ओ-शायरी

ये सितारे ये चाँद भी तेरी तरह है,
जो रहते तो है खामोश पर मुझे बैचेन किया करते है.

शेर-ओ-शायरी

कुछ तो बात थी उन आँखों में जो मुझे देखा करती थी बड़े प्यार से,
के अब भी हम सितारों में उन आँखों की चमक खोजा करते है.

अफ़सोस

दिल के जख्मों को कैसे दिखाये, हम उन्हें अपना कातिल कैसे बताये,
क़त्ल हो गये खुद ही बड़े शौक से, अब अपने मरने का मातम कैसे मनाये.

सपनो की दुनिया

ये सपनो की दुनिया भी अजीब होती है,
होती नहीं है पर नजरो के करीब होती है,
हमे वो दिखाती है जो हमने कभी देखा नहीं,
यहाँ हम अपने दिल के राजा होते है,
जो चाहते है वो पाते है
खोने की कीमत नहीं चुकाते है,
सच ही है ये सपनों की दुनिया भी अजीब होती है.
इस दुनिया में आकर देखो, अपने आप को भुला कर देखो,
तुम्हे वो मिलेगा जो तुमने कभी पाया नहीं, पर पाने की चाहत रखी.
तो फिर आओ इस दुनिया में खो जाओ,
वो पाओ जो की तुम्हे वास्तविक्ता में नहीं नसीब है,
सच ही तो है ये सपनो की दुनिया बड़ी अजीब है,
इस दुनिया में खोना नहीं है बस पाना ही पाना है, पाना ही पाना है....

स्वप्न

अभी तो सपने थे उनके इन आँखों में,
वो थे हमारे साथ हमारी बांहों में,
पर नजर लग गयी मेरी इस किस्मत को भी,
और ना जाने कहा से इतनी जल्दी से सहर हो गयी.

चाहत

कुछ लिखना चाहता हूँ तुम पर,
पर पता हूँ खुद को असमर्थ,
क्योकि, क्या कोई ऐसी भी कलम होगी जो कर सके बखान तुम्हारी सुन्दरता का,
क्या कोई ऐसी भी किताब होगी जो समेट सके उन शब्दों को जो तुम्हे देख कर लिखे गए हो,
देखता हूँ जब तुम्हारी आँखों को तो भूल जाता हूँ उन शब्दों को जो तुम्हारी छवि के गुणगान में मेने सोच रखे थे,

कभी कभी में सोचता हूँ क्या इतना मुश्किल है लिखना??
पर कुछ लिखना चाहता हूँ तुम पर......................

शेर-ओ-शायरी

क्या कहे क्या बीत रही है हम पर,
चाँद है बदलो में और तारो को कोई वास्ता नहीं,
कर रहे है इन्तेजार किसी की रहनुमाई का,
के कोई तो आये जलाने दिया मेरी कब्र का.

एक पन्ना जिंदगी का...

धडकनों के कारवां में आज भी वो शख्स रहता है,
दिल उसकी याद में आज भी पलके भिगोता है,
कभी नहीं मिल पायेगा वो मुझे कहा था बेशक उसने,
पर आज भी वो सपनो में रोज मुझसे आके मिलता है,
भूल जाना मुझे कहा था उसने, पर रूह से जिस्म क्या कभी जुदा होता है ?
जिंदगी की किताब जब भी खोलता हूँ तो मेरा अतीत मुझे ले जाता है वहा,
जहा जिंदगी का मतलब सिर्फ वही होता है.
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