Saturday, August 13, 2011

एक पन्ना जिंदगी का...

धडकनों के कारवां में आज भी वो शख्स रहता है,
दिल उसकी याद में आज भी पलके भिगोता है,
कभी नहीं मिल पायेगा वो मुझे कहा था बेशक उसने,
पर आज भी वो सपनो में रोज मुझसे आके मिलता है,
भूल जाना मुझे कहा था उसने, पर रूह से जिस्म क्या कभी जुदा होता है ?
जिंदगी की किताब जब भी खोलता हूँ तो मेरा अतीत मुझे ले जाता है वहा,
जहा जिंदगी का मतलब सिर्फ वही होता है.
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