Monday, August 29, 2011

एहसास

हर लम्हा एक अहसास दिलाता है ,
जो हो गए है दूर हमसे उन्हें तन्हाइयो में करीब लाता है,
हमे आदत नहीं है मुस्कुराने की,
पर ना जाने क्यों ये दिल तन्हाइयो में खुद ही मुस्कुराता है,
राहों में चले थे जो दूर तक साथ मेरे,
उन्हें मंजिलों पर साथ ना पा कर दिल तड़प जाता है,
रात तो हो जाती है गहरी और गहरी,
पर इस दिल की गहराइयो में सब कुछ डूब जाता है,
सितारे और जुगनू कर जाते है रातो को रोशन मेरी ,
पर हर रोशनी के पीछे एक साया गहराता है,
ये चाँद तो रहता है तारो की भीड़ में हमेशा,
पर ना जाने उस नदी में ही क्यों ये हमेशा तनहा नजर आता है,
हमे फुर्सत नहीं है कुछ कहने सुनाने की,
पर हर वक़्त क्यों ये दिल कुछ कहना चाहता है,
बहुद बड़ी है ये दुनिया कहते है सभी,
फिर भी हमे क्यों कोई उसके सिवा नजर नहीं आता है,
हर बूंद पानी की होती है प्यास बुझाने के लिए,
पर क्यों चातक हमेशा ही प्यासा रह जाता है,
कोई तो हो दुनिया में एसा जो हमे हमारे होने का एहसास दिलाये ,
पर ना जाने क्यों ये एहसास सिर्फ एक "एहसास" ही रह जाता है.

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