Sunday, August 14, 2011

चलता गया...

होगी कभी तो खुशिया भी मेरे साथ
ये सोच कर में दिल बहलाता चला गया,
ये शाम ढली तो सवेरा भी आएगा
ये सोच कर में खुशिया मनाता चला गया,
सारा जहान है मेरा और में हूँ इस जहान का
बस दिल से दिल सभी से मिलाता चला गया,
कुदरत ने क्या दिखाया करिश्मा जिंदगी में मेरी,
आशिक की तरह ये सोच कर मै खुद को हसाता चला गया.

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